एक अनोखी मुस्कुराहट
आज एक नयी
मुस्कुराहट
का सामना हुआ
वो मुस्कुराहट हर मुस्कुराहट
से अलग थी
ना जाने वे
कहाँ से आई
ओर कहाँ को
चली गयी
आज भी उसका
दीदार
करने के लिए
हज़ारो वर्षो तक इंतज़ार
कर सकते है|
ना जाने वे
ह्मे पहचाने
या नही
पर ह्म उन्हे
नही भूल सकते
जैसे हम साँस
लेना नही भूलते
वैसे ही वो
मुस्कुराहट भुलाई नही भूलती
|
वो मुस्कुराहट थी कुछ
पल
पर ऐसा लगा
की जैसे सारी
मुस्कुराहट
एक उस मुस्कुराहट
मे मिल कर
एक अद्भुत मुस्कुराहट बनी
हो |
भूले न भुलाए,
मन में
ऐसी छाई जैसे
बच्चो
के लिए खिलोने
व बड़ों के
लिए
विश्वास…… वो थी एक अनोखी
मुस्कुराहट……..
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